
कुनराक्कुडी देवस्थानम से संबंधित तिरुपथुर तिरुथलीनाथर मंदिर में ध्वजारोहण के साथ वैकासी विशाखा उत्सव की शुरुआत हुई। इससे पहले सुबह छह बजे कलश अभिषेक पूजा व यागवेल्वी का आयोजन किया गया। इसके बाद दूध, दही और तिरुमंजनम सहित 16 प्रकार के द्रव्यों से ध्वजवृक्ष का अभिषेक किया गया।
बाद में विशेष पूजा अर्चना कर ध्वजारोहण किया गया और ध्वजारोहण किया गया। बाद में, शिवाचार्य के लिए एक आश्रय स्थल बनाया गया।
इस कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और सामी के दर्शन किए। इसमें भास्कर गुरुओं और रमेश गुरुओं के नेतृत्व में शिवाचार्यों ने यागवेल्वी और विशेष पूजा की।
समारोह के पहले दिन, स्वामी थिरुवेदी उला, तिरुपथुर नायडू महासना संगम द्वारा मंदागपदी में सूर्यपिराई चंद्रपिराई वाहनम पर मंदागपदी में आयोजित किया गया था। त्योहार का मुख्य कार्यक्रम 9वें दिन रथ और 10वें दिन नौका उत्सव होता है(relligion news in hindi)।
Compiled: trendnews100.com
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